Mai Hu Kisan (Monthly National Hindi/ English Agri-Based Magazine)
'मैं हूं किसान' एक राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो कृषि और सलग्न विषयो पर गहरे अध्ययन के बाद हर महीने सम्पादित होती है। यह पत्रिका राष्ट्रीय स्तर की होने के कारन इसे भारत के विभिन्न क्षेत्रो में वितरित किया जाता है। मै हु किसान एक नाम है जो हमारी धरती माता पर निर्भर १३० करोड़ जनसंख्या को भोजन देनी की जिम्मेदारी लेने वाली किसान का। मै हु किसान एक नाम है कृषि में कार्य करने वाले उन सभी भाईयो और माताओं का जो कृषि के उद्धार के लिए दिन रात मेहनत करते है। मै हु किसान एक नाम है जो ग्रामीण लोग एंव ग्रामीण महिलाएं, वैज्ञानिक, विद्यार्थी, संपादक, स्तंभकार, साहित्यकार, कृषि उद्यमियों, कृषि पेशेवर जो भारतीय किसानी और किसान और उसके भले के लिए काम करते है।
'मैं हूं किसान' की शुरुवात जुलाई २०१५ में बहोत कठोनाईयो के साथ हुई, उन कठिनाइयो को पीछे छोड़ते हुए हम आज इस मुकाम तक पहुंचे है, जहा से हम एक आम व साधारण आदमी की आवाज को भारत के कोने कोने तक पहुंचाने का काम कर रहे है।
मुख्य हू किसान- कृषि और ग्रामीण विकास से सम्बंधित सभी प्रकारका महत्वपूर्ण और मूल्यवान ज्ञान प्रस्तुत करता है। यह पत्रिका कृषि के क्षेत्र में वर्तमान मामलों के लिए समर्पित है। इस पत्रिका में कृषि संबंधी समाचारों के बारे में नवीनतम अपडेट हर महीने आप तक पहुंचने का काम किया जाता है। पत्रिका ने उन विचारो को प्रकाशित किया है, जो भारतीय किसान सोच के लिए सहायक है। किसान आपने आत्म-विश्वास और अपने व्यावसायिक विचारों को किस तरह से विकसित कर सकते हैं और उनसे जन्म लेने वाले विचारो को दिशा देते हैं इसकी हर एक मिसाल इस पत्रिका से सीखी जा सकती है।
पत्रिका के उद्देश्य:
"मैं हूं किसान' पाक्षित राष्ट्रीय मैगजीन के मुख्य संपाढक का कहना है कि यह मैगजीन उनका सपना है और किसानों के हित में इसका प्रकाशन किया जा रहा है। मैगजीन की संपाढक मोनिका गुप्ता का कहना है कि यह मैगजीन समाज व महिलाओं को जागरूक करने में अहम भूमिका निभा रही है।
- देशभर में प्रकाशित हो रही कृषि मैगजीनों में “मैं हूं किसान' ने प्रकाशन के करीब एक वर्ष में अग्रणीय स्थान बनाया है।
- "मैं हूं किसान' मैगजीन के द्वारा जैविक, औषधीय पोधों की खेती को बढ़ावा ढेना।
- जैविक खेती के आवश्यक जैविक खाद, वर्मीकम्पोस्ट के ग्रुण, बनाने की विधि की जानकारी देना।
- "मैं हूं किसान' मैगजीन का प्रबंधन सकारात्मक सोच के साथ भविष्य में भी मैगजीन के स्वरूप को बनाए रखते हुए इसमें प्रकाशित सामग्रियों के स्तर में गुणकता बनाए रखने के प्रति संकल्पित है।
- कृषि में हो रहे नवाचारों की समय-समय पर प्रकाशित अंकों में जानकारी का प्रकाशन।
- "मैं हूं किसान' मैगजीन के द्वारा किसानों की समस्याओं का प्रकाशन के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचाना।
- महिलाओं एवं समाज की जागरूकता से जुड़े कार्यो, रैलियों, शिविरों, अभियानों की जानकारियां सचित्र प्रकाशित कर जागरूकता को बढ़ावा देना।
- महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में मैगजीन के प्रकाशित हो रहे अंकोंमें महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन, कार्य, आर्थिक संबलता बढ़ाने वाले कार्यों जैसे एसएचजी द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनियों की समस्त जानकारी ढेना।
- “मैं हूं किसान' राष्ट्रीय कृषि मैगजीन की सदस्यता के लिए सालाना2 अंकों के लिए 900 रुपए शुल्क रखा गया है। चाहें तो 2-3 वर्षों की सदस्यता एक साथ ली जा सकती है।
- मैगजीन में विज्ञापन एवं सदस्यता के लिए संपर्क 9785015005 पर कर सकतेहैं।
- "मैं हूं किसान'- पाक्षिक राष्ट्रीय कृषि मैगजीन के उद्देश्यों में किसानों, केन्द्र सरकार की कृषि एवं किसानों से संबंधित नीतियों व कल्याणकारी योजनाओं,नीतियों की विस्तार से जानकारी ढेना। इससे किसानों को जानकारी मिल जाए कि कृषि के किस मद में कितनी सब्सिडी मिलेगी, किस-किस फसल पर यह सुविधा मिलेगी इसकी पूरी जानकारी किसानों तक पहुंचाना। किसानों के लिए फसल बीमा योजना, इसमें आ रही कठिनाइयों पर आलेख द्वारा बताना।
- "मैं हूं किसान' के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर मैगजीन का प्रथम प्रकाशन जुलाई 2075 से किया गया था। किन्हीं कारणों से इसका प्रकाशन नहीं हो पाया। इसका पुनः प्रकाशन अक्टूबर 206 से नियमित हो रहा है।
- मैं हूं किसान' पाक्षिक राष्ट्रीय कृषि मैगजीन देश के कृषि वैज्ञानिकों, कृषि शोधकर्ताओं, नवाचार करने वाले समस्त गणमान्यों से उनके शेधकार्य और आलेख अआरमंत्रित कर उनके कृषि के क्षेत्र में ससाहनीय योगदान को प्रकाशित कराना चाहती है। ये गणमान्य इसके लिए 978505005 पर संपर्क कर सकते हैं या मैगजीन की संपाढक, मुख्य संपादक को भी अपने विचार, आलेख शोधपरक जानकारी प्रकाशन के लिए भेज सकते हैं।
- "मैं हूं किसान' मैगजीन में ऐसी समस्त कंपनियां, एजेन्सियां जो जैविक और औषधीय पौधों आधारित उत्पादों का निर्माण, विक्रय करती है वो मैगजीन में विज्ञापन ढेकर व्यापार में वृद्धि का आधार पा सकती है।
- "मैं हूं किसान' मैगजीन किसानों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि इसमें प्रकाशित कृषि एवं किसान कल्याण आधारित जानकारियों से किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
- "मैं हूं किसान' मैगजीन ऐसे सक्षम गणमान्यों से अनुरोध करती है कि वे किसानों को निःशुल्क मैगजीन उपलब्ध कराने के लिए आगे आएं और इस कार्य में ।00, 000 या इससे अधिक मैगजीनों का शुल्क जमा करा कर उनके द्वारा किसान मैगजीन पा सकें। ऐसे गणमान्यों का विवरण मैगजीन के अंकों में प्रकाशित किया जाएगा। इस पुनीत कार्य में सहयोग करना चाहें तो भी संपर्क कर सकते हैं।
- "मैं हूं किसान' मैगजीन का प्रकाशन द्विभाषीय होने के कारण इसके अंकों में अंग्रेजी भाषा के आलेख तथा जानकारियों का प्रकाशन भी किया जाता है।
- "मैं हूं किसान' मैगजीन का प्रकाशन गुजरात से गुजराती में, महाराष्ट्र से मराठी भाषा में तथा पूर्णरूप से अंग्रेजी में भी प्रकाशित करने के उद्देश्यों में शामिल है।
- मैगजीन सरकारों एवं किसानों के बीच एक सेतु के रूप में काम कर रही है।
- सरकोरें भी कृषि और किसान कल्याण के हित में, मैगजीन में विज्ञापन ढेने की पहल करें।
मैं हु किसान की सफलता: जैसे की मैं हु किसान पत्रिका हर महीने सम्पादित होती है, यह पत्रिका १०००० प्रति में छपी जाती है। मैं हु किसान ने अभी तक भारत के हर राज्य में सम्मान प्राप्त किया है जिसे पढ़ने वाले लोग भारत के विविध भाषाएँ बोलते है, लेकिन मैं हु किसान में हर महीने प्रकाशित होने वाले विचार और आंकड़े यह साबित करते है की इस पत्रिका को भाषा के बंधन में न बांधते हुए केवल वैचारिक क्रांति के लिए अपनाया जाता है। यही कारन हो सकता है जिसकी वजह से मैं हु किसान के सदश्य दिनबदिन बढ़ते जा रहे है।
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